रविवार, 14 फ़रवरी 2010
ओ! मेरे संत बैलेंटाइन
ओ! मेरे संत बैलेंटाइन
आप ने ये कैसा प्रेम फैलाया
प्रेम के नाम पर कैसा प्रेम "भार" डाला
आप पहले बताएं
प्यार करते हुए आप ने कभी
बोला था अपने प्रिय पात्र से
कि .....
आई लव यू...
दिया था शानदार तोहफा
या कोई ग्रीटिंग कार्ड
पर अब हमें
आप के इस "प्रेम दिवस" पर
देना पड़ता है तोहफा
मानना पड़ता है वर्ष में
एक बार यह "प्रेम दिवस"
...... ...... ......
आप एक बार आकर
प्यार से हाथ फेर कर
अपने आखों के जादू से
प्यार सिखला दो...
हमें ....
प्यार फैला दो...
ओ! मेरे संत बैलेंटाइन
वादा करो .... तुम ....
कि ....
अगले बरस जरुर आओगे!!!!
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
-
महिलाओं के दम पर दिल्ली में सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी ने उस समय तमाम महिला वोटरों का निराश कर दिया, जब नवगठित कैबिनेट में एक भी महिल...
-
रविंदर रेड्डी की कलाकृति माइग्रेंट ऐतिहासिक इमारतें या किले अपने आप में कई कलाओं केंद्र होते हैं। ऐसी जगहों पर मशहू...
-
रविवार , 10 मार्च को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया। उन्होंने अपनी पार्टी बीजू जनता दल से 33 फीसदी टिकट...
-
सुमधुर भाषिणी , स्त्री चेता कवयित्री अनामिका को उनकी रचना ‘ टोकरी में दिगंतः थेरी गाथा 2014 को हिंदी का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है। सा...
-
हाल ही में एक अध्ययन सामने आया है। इसमें बताया गया है कि लिंग भेद मिटाने या कम करने के उद्देश्य से उत्तराधिकार या विरासत संबंधी कानूनों ...
-
घर पर अपने छज्जे पर आती थोड़ी सी गुनगुनी धूप, बादल की छांव, बारिस की फुहार बचाए रखना चाहती हूँ उन धूधली, विसूरती खाली शामों के ...
-
शक्ति पूजन भारतीय संस्कृति और धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। देश के एक भाग में नहीं बल्कि पूरे देश में शक्ति के रूप में स्त्री रूप का ...
-
बस आज 'एक दिन' अलार्म बजने पर क्या नहीं उठूंगी सबसे पहले कोई दे जायेगा सुबह की चाय क्या मेरे बिस्तर पर नही बेलनी पड़ेगी आज रोटिया...
-
वैसे तो हमारी सामाजिक और धार्मिक व्यवस्थाएं यही हैं कि किसी भी स्त्री को एकल जीवन न जीना पड़े। फिर भी कुछ महिलाएं आजीवन अविवाहित रह जा...
-
प्रत्येक शनिवार हमारा शनिचर उतारने के लिए मिल जायेगे, हर चौराहे और रेड लाइट पर अबोध, बुझे से, गंदे -फटे कपड़े में बहुत से बचपन। एक लोटे में...
6 टिप्पणियां:
प्रेम के इस संत ने विचित्र हालत पैदा कर दी है। अब लोग अपने प्यार का सबूत लिए घूम रहे हैं। गिफ़्ट और कार्ड की शक्ल में। मेरे जैसा प्लैटोनिक प्रेमी बुद्धू सा हो गया है। यहाँ देखें
nice, wah!
Swagat hai!
Prem pradarshan ka nahin...darshan ka vishay hai.
Neelesh Mumbai, Advertising Industry
http://yoursaarathi.blogspot.com/
javascript:void(0)
Prem pradarshan ka nahin...darshan ka vishay hai.
Neelesh Mumbai, Advertising Industry
http://yoursaarathi.blogspot.com/
javascript:void(0)
नमस्कार,
चिट्ठा जगत में आपका स्वागत है.
लिखते रहें! शुभकामनाएं.
[उल्टा तीर]
एक टिप्पणी भेजें