शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014

इस वसंत में

प्रेम जानने के लिए
खरीद लाई
प्रेम विशेषांक
प्रेम के सभी महाविशेषांक
प्रेम में पकी कविताएं
प्रेम पर लिखी सभी कहानियों के
हर शब्द को
पढ़ा मैंने
गुना मैंने
चखा मैंने
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फिर भी
पैदा नहीं  कर पाई
कोई प्रेम विज्ञान
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पर आज
एक बच्चे की
मासूम मुस्कान ने
फूलों से सिंचे रस जैसा
शहद  बना दिया
मेरे गाँव से एक बच्ची की  मनमोहक मुस्कान युक्त तस्वीर 
मेरे ओठों पर
बगैर किसी
मधुमास के।

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